Monday, May 20, 2024
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ज्योतिष शास्त्र क्या है

ज्योतिष शास्त्र क्या है और इसका महत्व क्या है

ज्योतिष शास्त्र, जो ज्योतिष विद्या भी कहा जाता है, एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो ग्रहों, नक्षत्रों, और आकाशीय वस्तुओं के स्थिति और गति के आधार पर मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करता है। यह भारतीय सांस्कृतिक धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है

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विभिन्न ज्योतिष शाखाओं के रूप में विकसित हुआ है
  • जातक ज्योतिष (नामक राशि और ग्रहों के प्रभाव का अध्ययन)
  • हस्तरेखा ज्योतिष (हस्तरेखाओं के माध्यम से भविष्य देखना)
  • मुहूर्त ज्योतिष (शुभ समय की जांच)
  • ज्योतिषीय औषधि (ग्रहों के प्रभाव के माध्यम से उपचार)।

ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि ग्रह, नक्षत्र, और आकाशीय घटनाएं मानव जीवन पर प्रभाव डालती हैं और इनके अध्ययन के माध्यम से भविष्य की पूर्वानुमान किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति और आकाशीय घटनाओं का व्यक्ति के जीवन पर बड़ा प्रभाव होता है।

ज्योतिष शास्त्र को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने वाले वैज्ञानिकों और आधुनिक विज्ञान के प्रतिनिधित्व वालों द्वारा पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जाता है, और इसे अधिकांश लोग धार्मिक या आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए मानते हैं। इसलिए, ज्योतिष शास्त्र का प्रयोग अक्सर भविष्य के पूर्वानुमान और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए किया जाता है, और यह विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक प्राथमिकताओं के हिस्से के रूप में बना रहता है।

जातक ज्योतिष क्या होता है और कैसे देखा जाता है

जातक ज्योतिष, जिसे नामक ज्योतिष या वेदांत ज्योतिष भी कहा जाता है, व्यक्तिगत जन्म के समय के ग्रहों के स्थिति और आकाशीय पूर्वानुमान का अध्ययन करने वाला है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत विकास, और भविष्य के पूर्वानुमान करना होता है।

जातक ज्योतिष के आधार पर, एक व्यक्ति के जन्म के समय के ग्रहों के स्थिति, नक्षत्र, और ग्रहों के प्रभाव के माध्यम से उनके भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। इसमें निम्नलिखित मुख्य तत्व शामिल होते हैं:

  1. राशि (Zodiac Sign): ज्योतिष में 12 राशियाँ होती हैं, और हर व्यक्ति की जन्म तिथि के आधार पर उन्हें एक विशेष राशि से जोड़ा जाता है। यह राशि व्यक्ति की प्राकृतिक स्वभाव और व्यक्तिगत गुणों का प्रतीक करती है।
  2. नक्षत्र (Nakshatra): नक्षत्र ग्रहों के आस-पास के आकाशीय क्षेत्रों को दर्शाते हैं और जन्म के समय के नक्षत्र को महत्वपूर्ण माना जाता है।
  3. ग्रहों के स्थिति (Planetary Positions): व्यक्ति के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति और उनके अशुभ या शुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।
  4. दशाओं (Planetary Periods): व्यक्ति के जीवन को किसी किस्म की दशा और अंतरदशा के द्वारा विश्लेषित किया जाता है, जो उनके जीवन में विभिन्न घटनाओं को प्रभावित करते हैं।
  5. योग (Yoga’s): ज्योतिष में कुछ विशेष योग और दोष होते हैं जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, और ये योग उनके जन्मकुंडली में देखे जाते हैं।

ज्योतिष ज्यादातर भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं में मान्यता प्राप्त करता है और लोग इसका उपयोग अपने जीवन के निर्णय लेने और भविष्य की योजना बनाने के लिए करते हैं। यह व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित नहीं किया जाता है और इसे विवादित रूप से मान्यता प्राप्त है।

हस्तरेखा ज्योतिष क्या होता है और देखा जाता है

हस्तरेखा ज्योतिष, जिसे पामिस्ट्री भी कहा जाता है, एक प्राचीन ज्योतिष शास्त्र है जो हस्तरेखाओं और हाथ की छायाचित्रण के माध्यम से व्यक्तिगत जीवन और भविष्य के बारे में पूर्वानुमान करने का काम करता है।

हस्तरेखाओं का अध्ययन करने वाले पामिस्ट्स या हस्तरेखाकार, व्यक्ति के हाथ की मुद्राएं, रेखाएं, और चिन्हों को देखकर उनके जीवन, स्वास्थ्य, प्रेम, और करियर के विभिन्न पहलुओं का अनुमान लगाते हैं।

हस्तरेखा ज्योतिष में यह माना जाता है कि हाथ के विभिन्न हिस्सों पर मौजूद रेखाएं और चिन्ह व्यक्ति के जीवन में जाने वाले घटनाओं का पूर्वानुमान कर सकते हैं। यह ज्योतिष विधा विभिन्न प्रकार की हस्तरेखाओं का अध्ययन करती है, जैसे कि जीवन रेखा, मन्दिर रेखा, शिक्षा रेखा, धन रेखा, और अन्य रेखाएं। ज्योतिष शास्त्र

हस्तरेखा ज्योतिष का प्रयोग भविष्य की पूर्वानुमान के लिए किया जाता है और यह विश्वास किया जाता है कि हाथ की रेखाएं और चिन्ह व्यक्ति के कार्यों, व्यक्तिगतिता, और जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों का अंदाजा लगा सकते हैं।

यह एक प्रकार की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक प्राथमिकता के रूप में माना जाता है और अक्सर व्यक्तिगत सलाह और मार्गदर्शन के लिए प्रयोग होता है। हाथ की रेखाओं का विश्वास और मूल्यांकन व्यक्ति के धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वविद्या के हिस्से के रूप में बना रहता है और विभिन्न भागों में विभिन्न नामों पर जाता है, जैसे कि चिरोमेंसी, किरोमेंसी, और पामिस्ट्री।

मुहूर्त ज्योतिष क्या होता है और कैसे देखा जाता है

मुहूर्त ज्योतिष एक भारतीय ज्योतिष शास्त्र है जो शुभ और अशुभ समय की जाँच करता है ताकि व्यक्ति अपने विभिन्न कार्यों को उच्च दर्जे की सफलता के साथ पूरा कर सके। इसका मुख्य उद्देश्य अद्भुत और शुभ मुहूर्तों को चुनने के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और समृद्धि को बढ़ावा देना है।

मुहूर्त ज्योतिष विभिन्न प्रकार के कार्यों, आयोजनों, शुभ मुहूर्तों का चयन किया जाता है

विवाह, गृह प्रवेश, यात्रा, व्यापार की शुरुआत, उपनयन संस्कार, यज्ञ, उपनयन संस्कार, निश्चय, और अन्य आयोजन

मुहूर्त ज्योतिष के तहत, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति, चांद्रमा की राशि, और आकाशीय घटनाओं का विश्लेषण किया जाता है ताकि एक शुभ मुहूर्त का चयन किया जा सके। यह ज्योतिष विधा विश्वास करती है कि सही मुहूर्त का चयन करने से किसी कार्य की सफलता के चांसेस बढ़ जाते हैं और अशुभ मुहूर्त से होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।

मुहूर्त ज्योतिष का प्रयोग विवाह, ग्रह प्रवेश, नौकरी की शुरुआत, व्यापार की शुरुआत, और अन्य जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता है, जिससे व्यक्ति का जीवन सुखमय और सफल हो सकता है।

ज्योतिषीय औषधि क्या होता है और कैसे देखा जाता है

ज्योतिषीय औषधि, जिसे आयुर्वेदिक ज्योतिष भी कहा जाता है, एक प्राचीन ज्योतिष शास्त्र है जो ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव के माध्यम से व्यक्तिगत स्वास्थ्य और रोगों का उपचार करने का तरीका बताता है। यह शास्त्र भारतीय आयुर्वेद के अधीन होता है और ग्रहों, राशियों, और नक्षत्रों के स्थिति और प्रभाव के आधार पर व्यक्तिगत स्वास्थ्य के विकारों का अनुभव करने और उनका उपचार करने का प्रयास करता है।

ज्योतिषीय औषधि के अंतर्गत, ज्योतिषी विचार करते हैं कि व्यक्ति के जन्म के समय के ग्रहों का प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर कैसे होता है। वे इसके आधार पर उपचार की सिफारिश करते हैं, जैसे कि कौन से रत्न धारण करने चाहिए, कौन सा मंत्र जाप करने चाहिए, और कौन से आयुर्वेदिक औषधियां लेने चाहिए ताकि व्यक्ति का स्वास्थ्य सुधार सके।

इस शास्त्र के अनुसार, ग्रहों के शुभ और अशुभ स्थितियों के आधार पर व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपाय किए जा सकते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के ग्रहों के प्रभाव के कारण कोई रोग होता है, तो उनके द्वारा प्राप्त की जाने वाली ज्योतिषीय सलाह और उपचार उनके स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

ज्योतिषीय औषधि का प्रयोग अक्सर व्यक्तिगत स्वास्थ्य सलाह और उपचार के लिए किया जाता है और इसे भारतीय ज्योतिष और आयुर्वेद के अधीन माना जाता है।

राशि (Zodiac Sign) क्या होता है कितने प्रकार के होते है

राशि, जिसे ज्योतिष शास्त्र में Zodiac Sign भी कहा जाता है, एक ज्योतिषीय विश्लेषण का हिस्सा है जिसमें सूर्य के प्रत्येक राशि (जिसे “राशि” कहा जाता है) को एक विशेष प्रकार के व्यक्तिगत गुण, प्रवृत्तियां, और विशेषताएँ प्राप्त होती हैं। राशियों की मदद से ज्योतिषी व्यक्ति के व्यक्तिगतिता, भविष्यवाणी, और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में, एक कैलेंडर साल को 12 राशियों में विभाजित करता है, और हर राशि का एक विशेष ज्योतिष शास्त्र नाम होता है।

ये 12 राशि इस प्रकार होती हैं

  1. मेष (Aries)
  2. वृष (Taurus)
  3. मिथुन (Gemini)
  4. कर्कट (Cancer)
  5. सिंह (Leo)
  6. कन्या (Virgo)
  7. तुला (Libra)
  8. वृश्चिक (Scorpio)
  9. धनु (Sagittarius)
  10. मकर (Capricorn)
  11. कुम्भ (Aquarius)
  12. मीन (Pisces)

इन राशियों को व्यक्तिगत जन्मदिन और सूर्य के स्थिति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। ज्योतिषी विशेषज्ञ इसे व्यक्तिगत भविष्यवाणी और व्यक्तिगत गुणों का अध्ययन करने के लिए प्रयोग करते हैं।

आपकी राशि आपके जन्मकुंडली में आपके जन्म समय और स्थान के आधार पर प्राप्त की जा सकती है, और आपकी राशि का अध्ययन करके आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जा सकता है।

नक्षत्र (Nakshatra) क्या होता है कितने प्रकार के होते है

नक्षत्र (Nakshatra) ज्योतिष शास्त्र में आकाश में दिखाई देने वाले 27 छोटे-छोटे खंड होते हैं, जिनका उपयोग जन्मकुंडली बनाने और व्यक्ति के जन्म समय का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। इन नक्षत्रों का संख्यात्मक क्रमण (Numbering) भी किया जाता है और ये चंद्रमा के पास कितने नक्षत्रों के आसपास से गुजरता है।

ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्र का महत्व महत्वपूर्ण होता है, और इनका उपयोग व्यक्ति के जन्मचार्ट (जन्मकुंडली) में बिन्दुओं को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। जन्मकुंडली में नक्षत्र का प्रयोग व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए किया जाता है, जैसे कि प्राकृतिक गुण, व्यक्तिगत स्वभाव, और भविष्यवाणी करने के लिए।

नक्षत्र के 27 मुख्य खंड हैं, और इन्हें निम्नलिखित रूप में विभाजित किया जा सकता है:

  1. अश्विनी
  2. भरणी
  3. कृत्तिका
  4. रोहिणी
  5. मृगशीर्ष
  6. आर्द्रा
  7. पुनर्वसु
  8. पुष्य
  9. आश्लेषा
  10. मघा
  11. पूर्वफाल्गुनी
  12. उत्तरफाल्गुनी
  13. हस्त
  14. चित्रा
  15. स्वाति
  16. विशाखा
  17. अनूराधा
  18. ज्येष्ठा
  19. मूल
  20. पूर्वाषाढ़ा
  21. उत्तराषाढ़ा
  22. श्रवण
  23. धनिष्ठा
  24. शतभिषा
  25. पूर्वभाद्रपद
  26. उत्तरभाद्रपद
  27. रेवती

ये नक्षत्र चंद्रमा के साथ जब व्यक्ति के जन्म के समय में होते हैं, तो व्यक्ति की जन्मकुंडली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है।

नक्षत्र (Nakshatra) कैसे काम करती है

नक्षत्र (Nakshatra) ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और व्यक्ति के जन्मकुंडली में चंद्रमा के स्थिति को दर्शाने का कार्य करते हैं। नक्षत्रों का कार्य जन्मकुंडली के विभिन्न घरों और ग्रहों के साथ चंद्रमा के संयोजन का विश्लेषण करके किया जाता है, और इससे व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का पता चलता है।

नक्षत्र कार्यकारी रूप से आनेको तरीके से काम करते हैं

गुणमिलन: नक्षत्र के माध्यम से जन्मकुंडली में चंद्रमा के स्थिति को देखकर विभिन्न गुण और विशेषताओं का मिलान किया जाता है। यह गुणमिलन व्यक्ति के जीवन संगठन, प्राकृतिक गुण, और प्रवृत्तियों का प्रकार तय करने में मदद करता है।

दशा का प्रभाव: चंद्रमा के नक्षत्र का अध्ययन करके यह देखा जा सकता है कि किसी व्यक्ति की जीवन में चंद्रमा की महत्वपूर्ण दशाएं कब होती हैं और इन दशाओं का व्यक्ति के जीवन पर कैसा प्रभाव हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र

निर्देश और मार्गदर्शन: नक्षत्र का अध्ययन ज्योतिषीय विशेषज्ञों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन देने में मदद करता है, और यह उन्हें व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए सलाह देने में सहायक होता है।

भविष्यवाणी: नक्षत्र के माध्यम से ज्योतिषी व्यक्ति के भविष्य को भी पूर्वानुमानित कर सकते हैं, और उन्हें जानकारी मिलती है कि व्यक्ति के आगामी कार्यों और घटनाओं में कैसा प्रभाव हो सकता है।

नक्षत्रों का अध्ययन ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे जन्मकुंडली के अध्ययन के दौरान विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि व्यक्ति के जीवन के प्रमुख कार्यों और घटनाओं का पूर्वानुमान किया जा सके।

नक्षत्र (Nakshatra) को कैसे पहचाना जाए

नक्षत्र (Nakshatra) को पहचानने के लिए आपको व्यक्ति के जन्मतिथि और समय की जानकारी की आवश्यकता होती है, क्योंकि नक्षत्र जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति को दर्शाने का काम करते हैं। चंद्रमा के नक्षत्र का पता लगाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

जन्मतिथि पता करें: सबसे पहला कदम है व्यक्ति की जन्मतिथि पता करना। आपको जन्म तारीख, महीना, और जन्म साल की जानकारी चाहिए।

नक्षत्र कैलकुलेट करें: नक्षत्र कैलकुलेटर या ज्योतिषीय सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके, व्यक्ति की जन्मतिथि के आधार पर चंद्रमा के नक्षत्र का पता लगाएं। इंटरनेट पर कई ऑनलाइन नक्षत्र कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, जिन्हें आप उपयोग कर सकते हैं।

नक्षत्र का नाम जानें: एक बार आपके पास चंद्रमा के नक्षत्र का नाम हो जाए, तो आप उसे उपयोग करके ज्योतिषीय जानकारी और भविष्यवाणी कर सकते हैं।

नक्षत्र की पहचान आपके जन्मकुंडली के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में काम करती है ज्योतिष शास्त्र और यह आपके व्यक्तिगत गुण, प्रवृत्तियां, और जीवन के प्रमुख कार्यों का पूर्वानुमान करने में मदद करता है।

नक्षत्र के 27 मुख्य खंड हैं कैसे पता करे की कौन सा चल रहा है

नक्षत्र के 27 मुख्य खंडों (Nakshatra) को चंद्रमा के गति के आधार पर जाना जाता है, जिसे “चंद्र नक्षत्र” भी कहा जाता है। चंद्रमा लगभग एक महीने में एक नक्षत्र को छोड़कर आगे बढ़ता है, इसलिए जब भी कोई जन्म होता है, व्यक्ति के जन्मनक्षत्र का पता चलता है कि वह कौन सा नक्षत्र है।

नक्षत्र का पता लगाने के लिए इन कदमों का पालन करें:

जन्मतिथि और समय की जानकारी: व्यक्ति की सही जन्मतिथि और समय की जानकारी होनी चाहिए। इसके बिना नक्षत्र का पता नहीं लगाया जा सकता है।

चंद्रमा की गति देखें: चंद्रमा की गति के आधार पर, जन्मकुंडली में चंद्रमा के कौन से नक्षत्र में है यह पता लगा सकते हैं। आपके पास ज्योतिष सॉफ़्टवेयर या ज्योतिषीय किताबें हो सकती हैं जो इसका पता लगाने में मदद कर सकती हैं।

ज्योतिषीय जानकार से पूछें: आप एक प्रमाणित ज्योतिषी से संपर्क करके भी अपने जन्मकुंडली में चंद्रमा के नक्षत्र का पता लगा सकते हैं। ज्योतिषी आपके जन्मविवरण के आधार पर आपके नक्षत्र को जान सकते हैं और विभिन्न ज्योतिषीय गुणों का विश्लेषण कर सकते हैं।

27 नक्षत्र के आयु कैसे पहचाने की किस दिन है और कौन सी महिना मे

नक्षत्रों की आयु को पहचानने के लिए आपको व्यक्ति की जन्मतिथि की जानकारी की आवश्यकता होती है। नक्षत्रों की आयु को जन्मकुंडली के चंद्रमा के नक्षत्र के आधार पर पता किया जा सकता है।

नक्षत्रों की आयु जन्मकुंडली में चंद्रमा के नक्षत्र के साथ दिखाई देती है और इसे चंद्र दशा (Chandra Dasha) भी कहा जाता है। चंद्र दशा का आरंभ जन्मकुंडली में चंद्रमा के नक्षत्र के आरंभ दिन से होता है। चंद्र दशा के अंत में नक्षत्र की आयु की जानकारी मिलती है।

नक्षत्रों की आयु को पहचानने के लिए व्यक्ति की जन्मतिथि, समय, और स्थान के साथ एक ज्योतिषी से संपर्क करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि वे व्यक्ति की व्यक्तिगत जन्मकुंडली का विश्लेषण करके सटीक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

ज्योतिष में, नक्षत्रों के माध्यम से व्यक्ति की आयु, प्राकृतिक गुण, और जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है, और यह ज्योतिषी को व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण समय और प्रमुख कार्यों का पूर्वानुमान करने में मदद करता है।

ग्रहों के स्थिति (Planetary Positions) कैसे पता करे

ग्रहों की स्थिति (Planetary Positions) जानने के लिए आपको ज्योतिष शास्त्र का उपयोग करके या ज्योतिषीय सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके व्यक्ति के जन्मकुंडली का अध्ययन करना होता है। यह ग्रहों की वर्तमान स्थिति, राशि (Zodiac Sign) में स्थान, और नक्षत्र (Nakshatra) में स्थान के बारे में जानकारी प्रदान करता है। निम्नलिखित तरीकों से आप ग्रहों की स्थिति का पता लगा सकते हैं:

ज्योतिषीय सॉफ़्टवेयर का उपयोग: सबसे सरल और सहायक तरीका यह होता है कि आप एक ज्योतिषीय सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें जो आपको जन्मकुंडली बनाने और ग्रहों की स्थिति का पता लगाने में मदद करेगा। यहां आपके जन्मकुंडली में सभी ग्रहों की स्थिति, राशि, और नक्षत्र की जानकारी आपको मिलेगी।

ज्योतिषी से परामर्श: यदि आप एक प्रमाणित ज्योतिषी से संपर्क करना चाहते हैं, तो वे आपके जन्मकुंडली का विश्लेषण कर सकते हैं और ग्रहों की स्थिति और प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

ज्योतिषीय किताबें और स्रोत: आप ज्योतिषीय किताबों और वेबसाइटों का उपयोग करके भी ग्रहों की स्थिति का अध्ययन कर सकते हैं। कई ज्योतिषीय स्रोत ग्रहों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।

दशाओं (Planetary Periods) कैसे पता करे और कैसे काम करता है

दशाओं (Planetary Periods), जो ज्योतिष शास्त्र में “दशा” भी कही जाती है, व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की सफलता और अधिकार की अवधि को प्रदान करती हैं। इन दशाओं का अध्ययन करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

जन्मकुंडली का निर्माण: पहला कदम है व्यक्ति की जन्मकुंडली का निर्माण करना। जन्मकुंडली एक छवि होती है जिसमें ग्रहों की स्थिति, राशि, और नक्षत्र की जानकारी दी जाती है।

महादशा का पता लगाएं: जन्मकुंडली में सभी ग्रहों की महादशा (Main Periods) की जानकारी दी जाती है। महादशा, जिसे बड़ी दशा भी कहते हैं, व्यक्ति के जीवन की अधिकार की अवधि होती है।

अंतरदशा का पता लगाएं: महादशा के दौरान, व्यक्ति के जीवन में अंतरदशा (Sub-Periods) भी होती हैं। इन अंतरदशाओं को व्यक्ति की महादशा के दौरान क्रमिक रूप से ग्रहों के अनुसार जीवन के प्रमुख घटनाओं की अवधि के रूप में देखा जा सकता है।

दशा और अंतरदशा का प्रभाव समझें: ज्योतिषीय सामग्री और ज्योतिषीय सलाह के माध्यम से, आप अपनी महादशा और अंतरदशा के प्रभाव को समझ सकते हैं। इसके माध्यम से आपको जानकारी मिलेगी कि विभिन्न दशाओं में कैसे ग्रहों का प्रभाव होता है और वे व्यक्ति के जीवन पर कैसे बीत सकते हैं।

ज्योतिषीय परामर्श: यदि आपको अपनी दशाओं और अंतरदशाओं के प्रभाव को समझने में कठिनाई होती है, तो आप एक प्रमाणित ज्योतिषी से परामर्श ले सकते हैं। वे आपको आपके जन्मकुंडली के आधार पर सही मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

योग (Yoga’s) कैसे पता करे और कैसे काम करता है

योग (Yoga) ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न योगों के रूप में होते हैं और ये विशिष्ट ग्रहों के संयोजनों को संकेतित करते हैं जो किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में होते हैं। योग विशेष ग्रहों के आपसी संयोजन को प्रमुख बनाते हैं और यह व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। योग कैसे पता करें और कैसे काम करते हैं, इसका विवरण निम्नलिखित है:

योग की पहचान:

योग कैलकुलेटर: आप ज्योतिषीय सॉफ़्टवेयर या ऑनलाइन योग कैलकुलेटर का उपयोग करके योग की पहचान कर सकते हैं। योग कैलकुलेटर आपके जन्मकुंडली के आधार पर योगों को प्रमुख करते हैं और आपको योग की जानकारी प्रदान करते हैं।
ज्योतिषी से सलाह: आप एक प्रमाणित ज्योतिषी से संपर्क करके अपने जन्मकुंडली का विश्लेषण करवा सकते हैं। ज्योतिषी योगों की पहचान करने में मदद करेंगे और योगों का महत्वपूर्ण प्रभाव बता सकते हैं।

योग कार्यप्रणाली:

योग कार्यप्रणाली योग के प्रकार पर निर्भर करती है। हर योग की अपनी विशेष कार्यप्रणाली होती है और इसका अपना महत्वपूर्ण फलादित्य होता है।
योग के आधार पर व्यक्ति के जीवन में कुछ विशेष प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि धन, स्वास्थ्य, प्रेम, और कैरियर के क्षेत्र में।

ज्योतिषीय साहित्य और ज्योतिषीय सॉफ़्टवेयर में योगों के फलादित्यों का विस्तार से वर्णन होता है जो व्यक्ति को उनके जीवन में आने वाले घटनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

योग का महत्व:

  • योग व्यक्ति के जीवन की महत्वपूर्ण प्राप्तियों और चुनौतियों को दर्शाते हैं।
  • योग जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं और ज्योतिषीय सलाह देने में महत्वपूर्ण होते हैं।
  • योग ज्योतिषीय अध्ययन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने और समझने में मदद करते हैं।

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मेरा नाम गोपाल कुमार है। breakingnewsup.com का founder हूँ। मैं Diploma Holder हूँ। Bangalore Electronic City, NTTF कॉलेज से, मैं न्यूज से काफी inspired रहता था। फिर मैं भी startup चालू किया न्यूज चैनल से, मैं 2018 से 23 तक इसी क्षेत्र मे काम कर रहा हूँ। यानि 6 साल का अनुभव है। मैं न्यूज वेबसाइट भी बनाता हूँ। आप अपने लिए खुद का वेबसाइट बनाने के लिए कांटेक्ट भी कर सकते हैं।

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