मार पीट शुरू कर दि 

1.   763 सांसदों में से 306 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2.   इनमें से 194 सांसदों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या, बलात्कार, और भ्रष्टाचार शामिल हैं। 3.  बिहार के 50% सांसदों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं।

1.   ये मामले सांसदों की नैतिकता और लोकतंत्र के लिए एक खतरा हैं। 2.   जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके सांसद किन आपराधिक मामलों में शामिल हैं। 3.  सांसदों को इन मामलों का जवाब देना चाहिए और जनता के विश्वास को बहाल करना चाहिए।

1.  सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रही है। 2.  2019 में, 272 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। 3.  2023 में, यह संख्या 306 तक पहुंच गई है।

1.  सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों के प्रकारों में हत्या, बलात्कार, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, और गैरकानूनी गतिविधियां शामिल हैं। 2.  हत्या के मामलों में, सांसदों पर दूसरों की जान लेने का आरोप है। – बलात्कार के मामलों में, सांसदों पर महिलाओं और बच्चों के साथ बलात्कार का आरोप है। 3.  भ्रष्टाचार के मामलों में, सांसदों पर सार्वजनिक पद का दुरुपयोग करके अवैध धन अर्जित करने का आरोप है।

 1.  के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या राज्यों के आधार पर भिन्न होती है। 2. बिहार में, 50% सांसदों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। 3  इसके बाद उत्तर प्रदेश (45%), महाराष्ट्र (40%), और दिल्ली (30%) का स्थान आता है।

1. सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या राजनीतिक दलों के आधार पर भी भिन्न होती है। 2. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे अधिक सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 3. इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस), समाजवादी पार्टी (सपा), और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का स्थान आता है।

1. सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों के लिए कोई स्पष्ट कारण नहीं है। 2. हालांकि, कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं: 3.  राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता 4. धन और शक्ति का लालच 5. कानून की कमजोर व्यवस्था

1. सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों से लोकतंत्र को खतरा है। 2. जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके सांसद किन आपराधिक मामलों में शामिल हैं। 3. सांसदों को इन मामलों का जवाब देना चाहिए और जनता के विश्वास को बहाल करना चाहिए।

1. सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों को कम करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। 2. इनमें शामिल हैं: 3. सांसदों के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करना 4. सांसदों के लिए नैतिक संहिता लागू करना 5. सांसदों के लिए जवाबदेही बढ़ाना